चली जा रही है उम्र धीरे धीरे भजन राजन जी महाराज भजन लिरिक्स 

भजन गायक :- Prem Bhushan Ji Maharaaj 

भजन के भाव :- इस भजन का भाव यही है कि उम्र धीरे धीरे चलती जा रही है अत: प्रभु भक्ति के लिए सही उम्र का इंतजार ना करे , जवानी से ही भगवान की भक्ति करे . 

बुढ़ापे में तो शरीर कमजोर हो जाता है , हाथ पैरो में जान नही रहती , कमर झुक जाती है तब कैसे मंदिर और तीर्थ यात्रा कर सकेंगे 

चली जा रही है उम्र धीरे धीरे



पुन्य की कमाई तो तब से ही शुरू कर देनी चाहिए जब शरीर हष्ट पुष्ट हो . जब शरीर वृद्ध अवस्था में रोगों का घर हो गया तो फिर कैसे रोग शोक में भजन होंगे . 



भजन टाइटल  :-  Chali Jaa Rahi Hai Umr Dhire Dhire Bhajan  Bhajan 


Chali Jaa Rahi Hai Umr Dhire Dhire Bhajan   

चली जा रही है उमर धीरे धीरे,

चली जा रही है उमर धीरे धीरे,

चली जा रही हैं उमर धीरे धीरे,

पल पल और आठो पहर धीरे धीरे 


**1**

बचपन भी जाए जवानी भी जाए..4

बुढ़ापे का होगा असर धीरे धीरे,

बुढ़ापे का होगा असर धीरे धीरे,

चली जा रही है उमर धीरे धीरे..2


**2**

तेरे हाथ पावों में बल ना रहेगा...4

झुकेगी तुम्हारी कमर धीरे धीरे..2

चली जा रही है उमर धीरे धीरे..2

  

**३**


शिथिल अंग होंगे एक दिन तुम्हारे..4

फिर मंद होगी नज़र धीरे धीरे,

फिर मंद होगी नज़र धीरे धीरे,

चली जा रही है उमर धीरे धीरे..2


**4**

बुराई से मन को तू अपने हटाले..4

सुधर जाए तेरा जीवन धीरे धीरे,

चली जा रही है उमर धीरे धीरे,


  1. ये चमक, ये दमक, फूलवन म महक सब कुछ सरकार
  2. एक अरज मेरी सुन लो सरकार मेरे दाता भजन लिरिक्स
  3. सुख पाया , सुख पाया  रहम तेरी सुख पाया भजन लिरिक्स
  4. मुझे दास समझ कर रख लेना , भगवान तू अपने चरणों में
  5. सारे जहाँ के मालिक तेरा ही आसरा है
  6. जो प्रेम गली में आये नही


Chali Jaa Rahi Hai Umr Dhire Dhire Bhajan 





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