कभी कभी भगवान को भी भक्तों से काम पड़े  भजन लिरिक्स 

भजन गायक :-    Anup Jalota  

भजन टाइटल  :-  Kabhi Kabhi Bhagwaan Ko Bhi Bhajan Lyrics   

भजन के भाव :-  इस भजन का भाव यही है कि कभी कभी भक्त भी जरुरी हो जाते है भगवान के लिए . भक्त से ही भक्ति है और भक्ति से ही भगवान है . 

यहा यह भजन रामायण की कथा से जुड़ा है जिसमे सिया राम को गंगा पार जाने के लिए केवट की नाव का सहारा लेना पड़ता है . 

संसार को भव सागर से पार कराने वाले दीनदयाल प्रभु एक इंसान की नाव से गंगा को पार करते है . 



कभी कभी भगवान को भी भक्तो से काम पड़े


वो भजन के माध्यम से कहती है कि इंतज़ार करते करते उमरियाँ बीत रही है अत: प्रभु अब जल्दी से दर्शन करो . 

आपके लिए मैं रोज वन में बने घर और रस्ते को साफ़ करती है और आपके लिए नित्य ताजा फल लाती हूँ की कब आप आ जाये और दर्शन दे दे . 

आप जिस दिन दर्शन देंगे उस दिन आपके चरणों की धुल को अपने मस्तक पर लगा कर अपने शीश की शौभा बढ़ाउंगी . 

केवट जानते है की भगवान के पग से पत्थर की बनी अहिल्या सुन्दर नारी बन गयी थी , केवत को डर होता है कि उसके जीविका को पूर्ण करने वाली नाव कही किसी मनुष्य का रूप ना धर ले अत: केवट प्रभु के जादुई पैरो को खुद धोता है और फिर उन्हें नाव पर बैठाता है . 


अंत ,मैं केवट उनसे अपनी मजदूरी की जगह सिर्फ यही मांगता है कि जैसे केवट ने गंगा पार कराई प्रभु भी उसे भव सागर पार कराये . 

इस भजन को अनूप जलोटा जी ने बहुत ही अच्छे से गाया है और सीधे दिल में उतर जाता है यह भजन . 



 Kabhi Kabhi Bhagwaan Ko Bhi Bhajan Lyrics 

 

कभी कभी भगवान को भी

भक्तों से काम पड़े

जाना था गंगा पार प्रभु

केवट की नाव चढ़े

कभी कभी भगवान को भी

 भक्तों से काम पड़े

जाना था गंगा पार प्रभु

केवट की नाव चढ़े

जाना था गंगा पार प्रभु

केवट की नाव चढ़े


**1**

अवध छोड़ प्रभु वन को धाये

सिया राम लखन गंगा तट आये

केवट मन ही मन हर्षाये

घर बैठे प्रभु दर्शन पाए

हाथ जोड़ कर प्रभु के आगे

केवट मगन खड़े

जाना था गंगा पार प्रभु

केवट की नाव चढ़े

जाना था गंगा पार प्रभु

केवट की नाव चढ़े


कभी कभी भगवान को भी

भक्तों से काम पड़े

जाना था गंगा पार प्रभु

केवट की नाव चढ़े

**2**


 प्रभु बोले तुम नाव चलाओ

पार हमे केवट पहुचाओ

 प्रभु बोले तुम नाव चलाओ

पार हमे केवट पहुचाओ

केवट कहता सुनो हमारी

चरण धुल की माया भारी

मैं गरीब नैया है मेरी

नारी ना होए पड़े

जाना था गंगा पार प्रभु

केवट की नाव चढ़े

जाना था गंगा पार प्रभु

केवट की नाव चढ़े


कभी कभी भगवान को भी

भक्तों से काम पड़े

जाना था गंगा पार प्रभु

केवट की नाव चढ़े

 

 **3**

चली नाव गंगा की धारा

सिया राम लखन को पार उतारा

चली नाव गंगा की धारा

सिया राम लखन को पार उतारा


प्रभु देने लगे नाव चढाई

केवट कहे नहीं रघुराई

पार किया मैंने प्रभु तुमको

अब मोहे पार करो,

जाना था गंगा पार प्रभु

केवट की नाव चढ़े

कभी कभी भगवान को भी

भक्तों से काम पड़े

जाना था गंगा पार प्रभु

केवट की नाव चढ़े

जाना था गंगा पार प्रभु

केवट की नाव चढ़े

जाना था गंगा पार प्रभु

केवट की नाव चढ़े

**4**

केवट दोड़ के जल भर ले आया,

चरण धोये चरणामृत पाया ।

केवट दोड़ के जल भर ले आया,

चरण धोये चरणामृत पाया ।

वेद ग्रन्थ जिन के यश  गाये,

केवट उनको नाव चढ़ाए ।

बरसे फूल गगन से ऐसे,

भक्त के भाग्य जगे ॥

जाना था गंगा पार प्रभु

केवट की नाव चढ़े

जाना था गंगा पार प्रभु

केवट की नाव चढ़े


कभी कभी भगवान को भी

भक्तों से काम पड़े

जाना था गंगा पार प्रभु

केवट की नाव चढ़े

जाना था गंगा पार प्रभु

केवट की नाव चढ़े

जाना था गंगा पार प्रभु

केवट की नाव चढ़े

  1. अगर नाथ देखोगे अवगुण हमारे,   तो हम कैसे भव से लगेंगे किनारे
  2. मेरी झोपड़ी के भाग आज खुल  जायेंगे , राम आयेंगे
  3. यह माया तेरी बहुत कठिन है राम , बहुत ही प्यारा राम जी का भजन 
  4. जिनके सुमिरन से खुल जाते ,स्वयं मुक्ति के चारो धाम,  वो है प्राण प्यारे राम 
  5. श्री राम जी पधारे , हे देखो, अवध नगरियाँ में,  राम जी पधारे भजन लिरिक्स


 Kabhi Kabhi Bhagwaan Ko Bhi Bhajan Lyrics Bhajan 





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