राम को देख कर श्री जनक नंदिनी भजन लिरिक्स
भजन गायक :- Prakash Gandhi
भजन टाइटल :- Ram Ko Dekhkar Maa Janaknandani Bhajan Lyrics
भजन के भाव :- जब पहली बार राम सिया को जनकपुर में देखते है तो उस दरश का वर्णन यह भजन करता है . दोनों एक दुसरे को देखकर समझ जाते है की वो एक दुसरे के लिए बने है .
राम को देखकर सीता जी की संखिया झरोखे से देखकर आपस में बाते करती है कि ये तो बहुत ही नाजुक राजकुमार है .
तब दूसरी सखी कहती है कि यह जितने नाजुक दिख रहे है उठने है नही , ये एक बाण में ताड़का को मार चुके है .
Ram Ko Dekhkar Shri Janak Nandini Bhajan Lyrics
राम को देख कर श्री जनक नंदिनी,
बाग में जा खड़ी की खड़ी रह गयी,
राम देखे सिया माँ सिया राम को,
चारो अँखिआ लड़ी की लड़ी रह गयी….
**1**
थे जनकपुर गये देखने के लिए,
सारी सखियाँ झरोखन से झाँकन लगी,
देखते ही नजर मिल गयी दोनों की,
जो जहाँ थी खड़ी की खड़ी रह गयी
**2**
बोली है एक सखी राम को देखकर,
रच दिए है विधाता ने जोड़ी सुघर,
पर धनुष कैसे तोड़ेंगे वारे कुंवर,
सब में शंका बनी की बनी रह गयी
**3**
बोली दूजी सखी छोटन देखन में है,
पर चमत्कार इनका नहीं जानती,
एक ही बाण में ताड़िका राक्षसी,
उठ सकी ना पड़ी की पड़ी रह गयी
****
राम को देख कर श्री जनक नंदिनी,
बाग में जा खड़ी की खड़ी रह गयी,
राम देखे सिया माँ सिया राम को,
चारो अँखिआ लड़ी की लड़ी रह गयी
- अगर नाथ देखोगे अवगुण हमारे, तो हम कैसे भव से लगेंगे किनारे
- मेरी झोपड़ी के भाग आज खुल जायेंगे , राम आयेंगे
- यह माया तेरी बहुत कठिन है राम , बहुत ही प्यारा राम जी का भजन
- जिनके सुमिरन से खुल जाते ,स्वयं मुक्ति के चारो धाम, वो है प्राण प्यारे राम
- श्री राम जी पधारे , हे देखो, अवध नगरियाँ में, राम जी पधारे भजन लिरिक्स
Ram Ko Dekhkar Shri Janak Nandini Bhajan
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