पितृ जी थे , बेगा पधारो संजय मित्तल भजन
पितृ जी थे , बेगा पधारो ..2
दुखड़ा सुनावा ठाणे , आ कर उभारो
पितृ जी थे , बेगा पधारो ..2
***1***
थारे कबीले पे विपदा है आई
था बिन करसी, कौन सुनाई
थारे कबीले पे विपदा है आई
था बिन करसी, कौन सुनाई
बिगड़ी थे म्हारी देवा ...2
आके संभालो
पितृ जी थे , बेगा पधारो ..2
दुखड़ा सुनावा ठाणे , आ कर उभारो
पितृ जी थे , बेगा पधारो ..2
***2***
टाबरियां थारा घना दुःख पावे
मन रे बातया देवा , कुण न सुनावे
टाबरियां थारा घना दुःख पावे
मन रे बातया देवा कुण न सुनावे
अर्जी पर म्हारी देवा , अर्जी पर म्हारी देवा ,
थोडा विचारो ...
पितृ जी थे , बेगा पधारो ..2
***3***
थे म्हारा मालिक , टाबर में थाका
आकर मिटादो दुखड़ा थे सारा
थे म्हारा मालिक , टाबर में थाका
आकर मिटादो दुखड़ा थे सारा
बिच भंवर से म्हारी ...2
कश्ती ने थे तारो
पितृ जी थे , बेगा पधारो ..2
दुखड़ा सुनावा ठाणे , आ कर उभारो
पितृ जी थे , बेगा पधारो ..2
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