मैं तो पग-पग फुलड़ा बिछाऊं म्हारी माय - पितृ देवी देवता भजन
मैं तो पग-पग फुलड़ा बिछाऊं म्हारी माय म्हारी माय
पितर पधारयां म्हारे आंगनियाँ
पितर जी पधारयां म्हारे आंगनियाँ।।
**1**
कपिला गाय को गोबर मंगास्यां,
ता बिच अँगना लेप लिपास्यां,
म्हें तो मोतियन चौक पुरावां,म्हारी माँ
पितर जी पधारयां म्हारे आंगनियाँ।।
पितृ जी पधारे म्हाके देवता पधारा ...2
मैं तो पग-पग फुलड़ा बिछाऊं म्हारी माय म्हारी माय
पितर पधारयां म्हारे आंगनियाँ
**2**
गंगा जी से जल मंगवास्या,
पितरां ने स्नान करास्यां,
मैं तो पाँचू ही कपड़ा पहनावां म्हारी माय
पितर जी पधारयां म्हारे आंगनियाँ।।
पितृ जी पधारे म्हाके देवता पधारा ...2
मैं तो पग-पग फुलड़ा बिछाऊं म्हारी माय म्हारी माय
पितर पधारयां म्हारे आंगनियाँ
**3**
कपिला गाय को दूध मंगास्यां,
ता बिच उजली खीर रधास्याँ,
पितरां ने खीर जिमास्यां म्हारी माय
पितर जी पधारयां म्हारे आंगनियाँ।।
पितृ जी पधारे म्हाके देवता पधारा ...2
मैं तो पग-पग फुलड़ा बिछाऊं म्हारी माय म्हारी माय
पितर पधारयां म्हारे आंगनियाँ
**4**
धन चौधस की रात जगास्यां,
पितरां ने पाटे पे बैठ्यासाँ,
मावस ने भोग लगास्यां म्हारी माय
पितर जी पधारयां म्हारे आंगनियाँ।।
**5**
माता बहना करे छे विनती
सब भाई भतीजा करे छै विनती,
पितरां ने गाय रिझास्या म्हारी मा
यकी याही छै विनती,मैं पग पग फुलङा बिछाऊं मेरी माय,पितर जी पधारयां म्हारे आंगनियाँ।।
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