म्हारे पितर देवता आओ, थारो रातिजगा है आज 

पितरो के लिए जब हम अमावस्या की रात को जगाते है और जागरण करते है तो उसे रातिजगा कहा जाता है . इस जागरण को परिभाषित करता यह भजन - Mhare Pitra Devta Aao , Tharo Raatijaga Hai Aaj .

यहा इस Bhajan Lyrics में बताया गया है कि घर के परिवार वाले बड़े चाव से पितरो का इंतजार कर रहे है , उनके लिए जगह बना रखी है , भोग की तैयारी कर रखी है आदि .  पितरो से विनती की जा रही है कि कोई भूल चुक हो तो उसके लिए क्षमा करे और परिवार पर कृपा बनाये रखे .  

म्हारे पितर देवता आओ, 

थारो रातिजगा है आज,

थारो रातिजगा है आज-2

म्हारे पितर देवता आओ, 

थारो रातिजगा है आज।


pitra devta aao tharo rati jago hai aaj


म्हारा सुसराजी आंगनिये, 

थारो थांब बनवायो है, 

हलवा पूडी पपडी का भोग 

हाथा सू बनवाया है, 

आओ रस-रस भोग लगाओ 

जिमो पितरजी महाराज,

म्हारे पितर देवता आओ, 

थारो रातिजगा है आज

***1***

म्हारा जेठ जी आंगनिये, 

थारो थान बनवायो है, 

हलवा पूडी पपडी का भोग,

 हाथा सू बनवाया है, 

आओ रस-रस भोग लगाओ,

 जिमो पितरजी महाराज,

म्हारे पितर देवता आओ…

***2***

म्हारे आंगनियां मं आओ, 

अपनी किरपा सदा बरसाओ,

म्हारी भूल-चूल न कर दो माफ़, 

पितर जी महाराज,

मैं तो जानू नहीं कैसी सेवा करनी है

 महाराज, म्हारे पितर देवता आओ…

थारो रातिजगा है आज,

थारो रातिजगा है आज-2

म्हारे पितर देवता आओ, 

थारो रातिजगा है आज।

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