नगरी हो अयोध्या सी रघुकुल सा घराना हो भजन
भजन गायक :- Rekha Garg .
भजन टाइटल :- Nagari Ho Ayodhya Si Raghukil Sa Bhajan Lyrics
भजन के भाव :- यह भजन विशेष रूप से महिलाओ के लिए है जिसमे वो कहती है कि उनका ससुराल अयोध्या हो , परिवार दशरथ का हो , राम जैसा पति हो ,
लवकुश की तरह संतान हो , सीता जैसी सतीत्व नारी हो , भरत जैसा त्याग हो
हनुमान के जैसी शक्ति हो और शबरी जैसी भक्ति हो . सरयू नदी के किनारे से राघव के हल पल दर्शन मिलते रहे .
Nagari Ho Ayodhya Si Raghukil Sa Gharana Ho Lyrics
नगरी हो अयोध्या सी,
रघुकुल सा घराना हो ।
और चरण हो राघव के,
जहाँ मेरा ठिकाना हो ॥
**1**
हो त्याग भारत जैसा,
सीता सी नारी हो
और लवकुश के जैसी
संतान हमारी हो ॥
नगरी हो अयोध्या सी,
रघुकुल सा घराना हो
और चरण हो राघव के,
जहाँ मेरा ठिकाना हो ॥
**2**
श्रद्धा हो श्रवण जैसी,
शबरी सी भक्ति हो
और हनुमत के जैसी
निष्ठा और शक्ति हो ॥
नगरी हो अयोध्या सी,
रघुकुल सा घराना हो
और चरण हो राघव के,
जहाँ मेरा ठिकाना हो ॥
**3**
मेरी जीवन नैया हो,
प्रभु राम खेवैया हो
और राम कृपा की सदा
मेरे सर छय्या हो ॥
नगरी हो अयोध्या सी,
रघुकुल सा घराना हो ।
और चरण हो राघव के,
जहाँ मेरा ठिकाना हो ॥
**4**
सरयू का किनारा हो,
निर्मल जल धारा हो
और दरश मुझे भगवन
हर घडी तुम्हारा हो ॥
नगरी हो अयोध्या सी,
रघुकुल सा घराना हो ।
और चरण हो राघव के,
जहाँ मेरा ठिकाना हो ॥
**5**
कौशल्या सी माई हो,
लक्ष्मण सा भाई
और स्वामी तुम्हारे
जैसा,मेरा रघुराई हो ॥
नगरी हो अयोध्या सी,
रघुकुल सा घराना हो ।
और चरण हो राघव के,
जहाँ मेरा ठिकाना हो ॥
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