कैसे तारोगे मोहे राम मेरा अवगुण भरा शरीर लिरिक्स
भजन गायक :- गुलाबनाथ जी महाराज (Gulab Nath Ji Maharaaj )
भजन के भाव :- इस भजन में साधक खुद को अवगुणी बताकर पूछता है कि कैसे प्रभु आप हमें तारोगे , आपने तो बड़े बड़े पापियों को तार दिया है और उसी में से मैं भी एक हूँ
आपने भक्त प्रह्लाद को मीरा को , नरसिंह जी को सभी को तारा है तो प्रभु मुझ पर कृपा द्रष्टि रखे .
Kaise Taroge Mohe Ram Mera Avgun Bhara Sharir Bhajan Lyrics
राम नाम भज्यो नही ,
नही कियो हरि सु हेत
अब पछताया कि होय
जब चिड़ियाँ चुग गयी खेत
जब चिड़ियाँ चुग गयी खेत
कहोगी जी कैसे
तारोगे मोहे राम
मेरा अवगुण भरा शरीर ||
हो अवगुण भरा शरीर मेरा , अवगुण भरा शरीर मेरा
अवगुण भरा शरीर मेरा , अवगुण भरा शरीर मेरा
कहोगी जी कैसे
तारोगे मोहे राम
मेरा अवगुण भरा शरीर ||
**1**
अंका तारे बंका तारे,
तारे सजन कसाई...
हो
अंका तारे बंका तारे, तारे सजन कसाई...
सुवो पढ़ावत गणिका तारी,
तारी मीरा बाई
कहो जी कैसे तारोगे मेरे राम,
मेरा अवगुण भरा शरीर
**2**
ओ ध्रुव तारे प्रह्लाद उबारे,
और गजराज उबारे
नरसी जी के भात भरने ,
रूप साँवरो धारयो
कहो जी कैसे तारोगे मेरे राम,
मेरा अवगुण भरा शरीर
**3**
धना भगत का खेत बचाया,
नाम की छान छवाई
धना भगत का खेत बचाया, नाम की छान छवाई
सेन भगत का सासा मेट्या,..2
आप बने हरि नाई
कहो जी कैसे तारोगे मेरे राम,
मेरा अवगुण भरा शरीर
**4**
काशी के हम वासी कहिये,
नाम है मेरा कबीरा
करनी करके पार उतर जा
जात परण कुल हीरा
कहो जी कैसे तारोगे मेरे राम,
मेरा अवगुण भरा शरीर
Kaise Taroge Mohe Ram Mera Avgun Bhara Sharir Bhajan Video
- अगर नाथ देखोगे अवगुण हमारे, तो हम कैसे भव से लगेंगे किनारे
- मेरी झोपड़ी के भाग आज खुल जायेंगे , राम आयेंगे
- यह माया तेरी बहुत कठिन है राम , बहुत ही प्यारा राम जी का भजन
- जिनके सुमिरन से खुल जाते ,स्वयं मुक्ति के चारो धाम, वो है प्राण प्यारे राम
- श्री राम जी पधारे , हे देखो, अवध नगरियाँ में, राम जी पधारे भजन लिरिक्स
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