कुण जाणे या माया श्याम की, अज़ब निराली रै - Sanjay Mittal Bhajan Lyrics
Kun Jane Ya Maya Shyam Ki Ajab Nirali Re Shyam Bhajan Lyrics . श्रद्देय संजय मित्तल का कृष्ण भगवान का एक बहुत ही प्यारा भजन जिसमे एक गरीब भक्त श्याम से विनती करता है कि क्या आप उसके गरीबखाने में आएंगे . आप तो 56 भोग करने वाले , महलो में बसने वाले है तो क्या एक गरीब की कुटियाँ में आ सकते है .
भजन के दुसरे दोहे के भाव है कि जरुरत पड़ने पर आपने जरूरतमंदों की सहायता की है जैसे द्रोपदी का चिर बढाया था , नानी बाई का भात भरा था , ऐसे ही जब गीतकार किसी संकट में होगा तो आप उसे उभारो ना .
Kun Jane Ya Maya Shyam Ki Ajab -Shyam Bhajan Hindi Lyrics
दोहा : सुनके करुण पुकार भक्त की
रुके ना श्याम दातार
झटपट आवे , काम बनावे
ओ लीले असवार
कुण जाणे या माया श्याम की,
अज़ब निराली रै...2
तिरलोकी को नाथ जाट को, बण गयो हाळी रे ,
बण गयो हाळी, बण गयो ,बण गयो हाळी रै,
तिरलोकी को नाथ जाट को, बण गयो हाळी रै।
**1**
सौ बीघा को खेत जाट को,
श्याम भरोसे खेती रै,
आधा म बोये गेहूँ चणा ,
आधा में दाणा मैथी रै,
बिना बाड़ को खेत जाट के 2
श्याम रूखाळी रै,
तिरलोकी को नाथ जाट को, बण गयो हाळी रै..2
बण गयो हाळी, बण गयो ,बण गयो हाळी रै,
तिरलोकी को नाथ जाट को, बण गयो हाळी रै।
**2**
भूरी भैंस चमकणों पाडो , दो छाली दो नारा रे,
बिना बाड़ को खेत जाट के , बाँधे न्यारा न्यारा रे,
आवे चोर जद ऊबो दिखे..2
काढ़े गाली रै,
तिरलोकी को नाथ जाट को, बण गयो हाळी रै।
बण गयो हाळी, बण गयो ,बण गयो हाळी रै,
तिरलोकी को नाथ जाट को, बण गयो हाळी रै।
**3**
जाट जाटणी निर्भय सोवै,
सोवे छौरा छोरी रे,
श्याम धणी पहरे के ऊपर,
कईयाँ होवे चोरी रे,
चोर लगावे नितकी चक्कर..2
जावे खाली रे,
तिरलोकी को नाथ जाट को, बण गयो हाळी रै।
बण गयो हाळी, बण गयो ,बण गयो हाळी रै,
तिरलोकी को नाथ जाट को, बण गयो हाळी रै।
**4**
बाजरे की रोटी खावे,
ऊपर घी को लचको रे,
पालक की तरकारी सागे,
भरे मूली को बटको रै,
छाछ राबड़ी करे कलेवो..2
भर भर थाली रै,
तिरलोकी को नाथ जाट को, बण गयो हाळी रै।
**5**
सोहनलाल लोहाकर बोले,
यो घर भक्ता के जावे रे,
धावलिये री ओला बैठ कर ,
श्याम खीचड़ो खावे रे,
भक्ता के संग नाचे गावे..2
दे दे ताली रे, तिरलोकी को नाथ जाट को, बण गयो हाळी रै।
बण गयो हाळी, बण गयो ,बण गयो हाळी रै,
तिरलोकी को नाथ जाट को, बण गयो हाळी रै।
कुण जाणे या माया श्याम की,
अज़ब निराली रै...2
तिरलोकी को नाथ जाट को, बण गयो हाळी रे ,
बण गयो हाळी, बण गयो ,बण गयो हाळी रै,
तिरलोकी को नाथ जाट को, बण गयो हाळी रै।
Kun Jane Ya Maya Shyam Ki Ajab -Shyam Bhajan Lyrics Video
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